हरियर भुइँया म जब कासी के फूल खिलथे। तब तो प्रकृति के खूबसूरती अउ बढ़ जथे। अउ देखे म अइसे लागथे जैसे धरती माता ल प्रकृति ह सफेद फूल ले सजा देहे। अउ खुद प्रकृति ह सफेद चादर ओढ़ लेहे।जब कासी फूल धरती म खिल के इतराय बर धर लेथे।तब तो का पूछत हस प्रकृति के सुंदरता ल। कासी फूल सादा रंग के होथे। कासी घास के ही एक प्रजाति आय। जेन ह खेत-खार,मेड़ पार,नदिया,कछार मन म उगथे। ये सफेद कासी फूल के माधियम ले प्रकृति के वंदना करे जाथे। कासी फूल खिले के मतलब येहा बरसात के मऊसम के समाप्ति के सूचना आय। यानि अब खेती खतम होगे। अइसन हमर पुरखा मन मानथे। अइसन कहे जाथे कि कासी के फूल भादो महिना के आखिरी म खिलथे। कासी के फूल बरसा आधारित खेती के समाप्ति के सूचना जुन्ना समे ले ही गाँव देहात के अंचल म देवत आवत हे। अइसन घलो मानें जाथे कि कासी के फूल खिले के मतलब येहा मां दुर्गा के आगमन यानि दुर्गा पूजा आय के घलो संकेत देथे। जानकार मन के अनुसार कासी के औसधीय महत्व घलो बहुत हे। येला एक प्रकार ले आयुर्वेदिक दवा के रूप म घलो उपयोग करे जाथे। कासी के जिक्र लोक कथा अउ प्राचीन ग्रंथ मन म घलो मिलथे। भक्त सिरोमनि गोस्वामी तुलसीदास जी ह घलो रामचरितमानस म रितु बरनन के कड़ी म कासी फूल के चर्चा करे हे।
येकर मतलब हे कि यदि कासी के फूल खिले ल धर लेहे त समझ लेना चाही कि बारिस के बुढ़ापा आ गेहे।यानि कि मानसून बिदा होने वाला हे। अउ सरद रितु आने वाला हे।
केशव पाल (पत्रकारिता छात्र)
0 टिप्पणियाँ
please do not enter any spam link in the comment box.