राजनांदगांव की कहानी का,फिल्मांकन कर रहे युवा.......
राज/विश्व के मानचित्र पर चिन्हित छत्तीसगढ़,किसानों कि मेहनत के साथ फलता फूलता राज्य हैं,और इसी छत्तीसगढ़ में हमारा राजनांदगांव समाहित है, जिसका अपना स्वर्णिम इतिहास हैं।राजनांदगांव का साहित्यिक इतिहास अपने आप मे ऐतिहासिक हैं।जिनमें साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, गजानंद माधव मुक्तिबोध, डाक्टर बल्देव प्रसाद मिश्र इत्यादि महान विभूतियों का समिश्रण हैं।
गौरतलब है कि राजनांदगांव की कहानी का निर्माण विलुप्त हो रही राजनांदगांव कि गाथा को दिखाने का सहज प्रयास हैं। मुख्य रूप से इसके निर्माण में विवेक वासनिक अध्यक्ष (राजगामी संपदा न्यास)का विशेष मार्गदर्शन है।इस गीत में मुख्य स्वर स्वर कोकिला श्रीमती कविता वासनिक व सुफी युवा गायक सोहिल रंगारी ने दिया है।वहीं गीत लेखन तथा संगीत रवि रंगारी का है।गीत फिल्मांकन दीपेश सिन्हा, गीत की रिकॉर्डिंग प्रशांत कुशवाहा ने कि है।राजनांदगांव की कहानी में सुत्रधार की भूमिका में सुश्री हिमानी वासनिक, अतुल व्यास कि है।वही प्रोडक्शन सलाहकार कमल अनामिका सिन्हा व विपिन गौतै कि महत्वपूर्ण सहयोग है। संगीत सहयोगी के रूप में चन्द्रा धनकर हर्ष मेश्राम (बेंजो)सतीश सिन्हा(शहनाई/बाँसुरी) में अपनी सहभागिता निभाई है।इस गीत की शुटिंग में शहर ऐतिहासिक महलों तथा पुराने अवशेषों व पिछले युगों की संस्कृति का समायोजन किया गया।आप सभी जनमानस के बीच यह जल्द ही राजनांदगांव की कहानी को फिर से सुना और यू- टूयूब् चैनल पर देखा जा सकता है।उपर्युक्त जानकारी शहर के संगीतकार, गीतकार व लोकवादक रवि रंगारी ने दी।
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