दुसरईया पुण्यतिथि म दुलरवा के शब्द ले हे अर्पण।राज के संगीत बर खुमान साव हवय बड़का दर्पण।जेन मरते दम तक कर दिस जिनगी ल अपन समर्पण।जेखर संगीत के पुरा छत्तीसगढ़ म हावय मान।बर बिहाव म तोर संगीत बिन नई होवय नेग जोग न टिकान।चंदैनी गोंदा के हर गीत संगीत म करथन हमन गुमान।रामचंद देशमुख के हिरदे म घलो रिहिस तोर बर सम्मान।संस्कारधानी के तंय तो रेहेस संऊहत सोनाखान।फेर तोर सुरता ल सीरिया के राखही नंदगांव के मितान।कतको मनखे ल अपन संगीत ले देऐस तंय जीवन दान।लक्षमण मस्तुरिया भी अधूरा रतिस तोर बिना खुमान।सुन्ना होगे फुलवारी अब तो कोन छेड़ही वो मधुर तान।"दुलरवा" गोहारत हे श्री साव के नाम म देय ल पड़ही बड़का सम्मान।।दुर्गेश सिन्हा "दुलरवा"
छुरिया बंजारी
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