छंद के छ के राज्य स्तरीय सम्मेलन में राजनांदगांव के कवियों ने छंदबद्ध रचनाओं से समां बांधा



स्पात नगरी भिलाई में दीपावली मिलन हुआ 

डोंगरगढ़ - छंद के छ के संस्थापक अरुण कुमार निगम के मार्गदर्शन में 19 नवंबर को स्पात नगरी भिलाई के सेक्टर - 7 में स्थित कूर्मि भवन में छंद के छ का राज्य स्तरीय दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस गरिमामयी समारोह में प्रदेश के विभिन्न जिले के 90 छंद साधक सम्मिलित हुए. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. सुरेश देशमुख प्रथम उद्घोषक, चन्दैनी गोंदा (धमतरी) थे एवं अध्यक्षता पिपरिया जी अध्यक्ष, कूर्मि समाज भिलाई नगर ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात 
शायर डा. शाद (बिलासपुर ),डा. सरला शर्मा, अध्यक्ष हिन्दी साहित्य समिति दुर्ग जिला, सुधीर शर्मा, विभागाध्यक्ष, कल्याण कॉलेज भिलाई, अरुण कुमार निगम, संस्थापक छंद के छ उपस्थित थे. 

अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति के बलराम चन्द्राकार, विजेन्द्र वर्मा, गजराज दास महन्त,   घनश्याम सोनी, नारायण चंद्राकार, चोवा राम वर्मा बादल, दिलीप वर्मा, ईश्वर साहू आरुग, मिलन मलरिहा, आशा देशमुख, अजय साहू अमृतांशु, ज्ञानु दास मानिकपुरी,  श्रीमती शशि साहू,श्रीमती नीलम जायसवाल,सुश्री प्रिया देवांगन, कन्हैया साहू अमित, जितेन्द्र वर्मा, मनी राम साहू मितान, उमाकान्त टैगोर, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर, कौशल साहू, अश्वनी कोसरे, महेन्द्र कुमार बघेल मधु, राम कुमार चंद्रवंशी एवं अन्य साधकों ने किया. मुख्य अतिथि देशमुख जी ने इस आयोजन को बहुत ही सार्थक बताते हुए कहा कि छंद के छ परिवार द्वारा साहित्यकारों को छंदबद्ध रचना लिखने हेतु जो वातावरण तैयार किया गया है वह बहुत ही प्रशंसनीय है. छंद लिखना बहुत ही कठिन है और निरंतर साधना से ही यह संभव है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पिपरिया जी ने छंद के छ परिवार के इस आयोजन को मील का पत्थर बताया. डा. सरला शर्मा ने छत्तीसगढ़ी को समृद्ध करने के लिए युवा साहित्यकारों को आव्हान किया और निगम जी के प्रयास की तारीफ की. 

डा. शाद ने छंद के छ परिवार को बहुत ही अनुशासन प्रिय बताते हुए कहा कि निगम जी छंद के छ के माध्यम से रेगिस्तान में फूल खिलाने का काम किया है. गुरु -शिष्य परंपरा को जीवित रखने के दिशा में यह भगीरथ प्रसास है. डा. सुधीर शर्मा ने कहा कि अरुण कुमार निगम नि:स्वार्थ भाव से साहित्यकारों को छंद सिखा रहे हैं. यह एक आंदोलन रुप ले चुकी है. 

स्वागत भाषण देते हुए छंद के छ के संस्थापक अरुण कुमार निगम ने कहा कि अक्ती के दिन 9 मई 2016 को छंद के छ का गठन किया गया था. अब तक 17 व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से 200 छंदकार तैयार हो चुके हैं. इस समारोह में छंदकार बोधन राम निषाद के छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह" अमृत ध्वनि छंद", जगदीश साहू हीरा के छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह " छंद संदेश ", श्रीमती इन्द्राणी साहू साँची के हिन्दी काव्य संग्रह " साँची साधना " का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया. द्वितीय सत्र में साहित्यकारों ने एक से एक बढ़ कर छंदबद्ध रचना का पाठ किया. 

इस आयोजन में संस्कारधानी राजनांदगांव के छंद साधकों ने भी अपनी बेहतरीन  छंदबद्ध रचना प्रस्तुत कर समां बांधा.जिले से काव्य पाठ कर सम्मानित होने वाले साहित्यकारों में जितेन्द्र कुमार वर्मा खैरझिटिया, महेन्द्र कुमार बघेल मधु, राम कुमार चंद्रवंशी, शेर सिंह गोड़िया आदिवासी, ओमप्रकाश साहू अंकुर, राज कुमार चौधरी रौना, श्रीमती पदमा साहू पर्वणी, अमृत दास साहू, रमेश कुमार मंडावी, नंद किशोर साव नीरव, दूज राम साहू सम्मिलित है. दो सत्र में चले कार्यक्रम का संचालन अजय साहू अमृतांशु, जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया, ईश्वर साहू आरुग, गजराज दास महंत ने किया.

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