बिजली चमकै जोर ले, सावन भादो घात। बरसै बरसा झूम के, झड़ी करय दिनरात।~1 झड़ी करय दिनरात तब, हरियर खेती खार। रदरद-रदरद पानी गिरै, अमरित अमित अपार।~2 अमरित अमित अपार हे, जीव जगत के सार। …
हमसे जुड़े और फॉलो करें