रमैया राम के पास किसी ने फोन किया कि तुम्हारे मित्र मनसुख इस नश्वर संसार को छोड़कर चले गये। आप जल्दी आ जाइए। रमैया राम एवं मनसुख दोनों लंगोटिया यार थे। बचपन में साथ- साथ, खेलते ,लड़ते- झ…
// जननि जन्मभूमिश्च // --------*--------- पेण्ड्रीगिरि श्रृंखलाओं से निकली खेगड़ी नदी की पचेड़ावन पर विशेष कृपा थी। खेगड़ी क…
बालकहानी : // बाइक ड्राइविंग // ----------*----------- अक्सर मुहल्ले वाले कहा करते थे कि पता नहीं यह लड़का अ…
कहानी डॉ वर्मा अ भी घर मा पहुँच के हाथ मुँह धोते रहिस की बाहिर ले चिल्ला चिल्ला के झगरा करे के आवाज सुनके लकर धकर घर ले निकल के देखे बर धर लिस। घर के बाहिर 80-90 झन मनखे सकलाय हे अउ…
मेरी बचपन की सखी मुन्नी ,वह दिव्यांग थी ,मारवाड़ी परिवार में उसका जन्म हुआ था, बहुत सुंदर गोरी सी , आंँखें बहुत सुंदर ,शरीर अष्टवक्र की तरह मुंडा़ हुआ,पाव में सुंदर तील के निशान,मुँह से हमेशा ल…
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