आँसो जाड़ अबड़ दवें लगिस।जाड़ के मारे हाथ-पाँव किन-किनाय,पानी करा कस चट ले जनाय ,दिन भर सुर्रा चलय त जुड़ के मारे नाक ह सुरुक -सुरुक बोहाय।सँझा- बिहनिया सब ल भुर्रीच ह सुहाय।तभो ले किन-किनात जाड़ म बबा ह …
नवा बिहान " का करत हस भवजी...? " हूँद करावत रोहित ह पदुम घर निंगीस । वो जानत-राहय की पदुम अभी घर मं नइ कहिके । वोत्काच्जान वोला दतुअन चाबत तरिया जावत रोहित ह देखे राहै । परछी के …
नानकिन किस्सा : // बेलनारोटी // -------*------- सियनहीन बोधनी ह अपन सियान दुलारसिंग के भरोसा घर…
कहानी : // असाढ़ के एक दिन // --------------**------------- असाढ़ लगे हफ्ता भर होगे। जयलाल अउ बसंता ल अब थोरिक आस नइ राहय कि …
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