शीर्षक:- यथार्थवादी कला के अग्रदूत मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के समग्र विकास को हम भारतेंदु युग के पश्चात द्विवेदी युग में साफ-साफ देख सकते हैं। रीतिकाल की साहित्यिक परंपराएं शनै: -शनै: धुँधल…
मानव जीवन मे सबसे विशिष्ट और तेज गति से खत्म होती चीज है वक्त। कब वर्तमान अतीत के झरोखे में चला जाता है त्यौहार मनाने के पीछे एकता , सहयोग , आदर्श , बंधुत्व की भा वना अंर्तनिहित होती है। हर त्यौहार…
वक्त का तकाजा जिंदगी की तमन्ना , यूं ही टूटते जाती है। आस लिए मन की , तन्हाइयों में। अपने को अकेले न समझ। तलाशिए सदा , मन को ऊंचाइयों में। अपने ऊपर , जो कुछ गुजरता है। वह वक…
लोकनृत्यों की सृजन प्रक्रिया- नाचा के संदर्भ में लोक के स्वच्छन्द मनोभावों, उमंग-उल्लास के साथ लोक धुनों तथा लोकगीतों पर आधारित एक समान सामुहिक आंगिक संचालन को लोकनृत्य कहा जाता है। मनुश्य के सामुहिक…
छत्तीसगढ़ ल भले अलग राज बने 17 साल होगे अउ छत्तीसगढ़ी भासा ल लेके भले अलग आयोग बनगे फेर अभी ले छत्तीसगढ़ी कोनो मेरा लागू नई होहे। अउ एकर कारन हमी मन हरन। काबर छत्तीसगढ़ म रही के हमन ह छत्तीसगढ़ी बोले बर ल…
सूरुज नरायन ला जेठ मा जेवानी चढ़थे। जेठ मा जेवानी ला पाके जँउहर तपथे सूरुज नरायन हा। ताते-तात उछरथे, कोनो ला नइ घेपय ठाढ़े तपथे। रुख-राई के जम्मों पाना-डारा हा लेसा जाथे, चिरई-चिरगुन का मनखे के चेत हरा…
लोक कला दर्पण के समस्त बहनों के द्वारा लाक डॉउन में भी ऑनलाइन ,तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर बहने 27 जुलाई 2020 को तुलसी जयंती समारोह का आयोजन कर रहीं हैं। दोपहर 2:00 बजे निशा साहू (मानस प्रवक्ता) द्वा…
बहन बेटियोका मन बहुत खुश हो जाता है जब भाई भावज का पीहर से संदेशा आता है। उन्हें उपहार रूपया और पैसा कुछ नहीं भाता है भाई दो शब्द बोल दे तो दिल भर भर आता है। बाबुल का घर सदा उनके लिए जेहन में ही रहत…
भाई बहिनी के मया अगम हे, जेकर नइ हे कोनो ओर छोर। राखी के एक ताग सुंत लागय, जइसे भाई बहिनी के मया डोर।। अपन मुंहूँ के कंउरा ल बंचाके, छोटे भाई बहिनी के मुंहूँ म डारे। महतारी असन हियाव करइया, कनिहा म प…
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