*हिंदी के हिस्से की लड़ाई* ----------- हिंदी ! अब तुमको भी लड़नी होगी अपने हिस्से की लड़ाई स्वयं इस बाज़ारवादी व्यवस्था में जैसे लड़ता है हर कोई अपने-अपने हिस्से की लड़ाई टकराना होंगा तुमको…
देखा किसान घर से निकलकर। बादल गुपचुप कर रहे मिलकर। पानी अब जोरो से बरसाना है। धरती को हराभरा बनाना है। झमाझम बारिश में।। आए बादल घुमड़ घुमड़कर। पानी बरसे पड़ पड़ सड़ सड़। ओले जब पड़ने लगे तो पेड़ टूटने लगे त…
हरियर हरियर प्रकृति की छटा , धरती की हरियर लुगरा । पहले त्योहार है देवताओं को मानने की आड़ में बली देंगे कुकरी बोकरा ।। पिएंगे दारू मस्ती में खेलेंगे नारियल जीत पुरखा जमाना ले चलत आए हे छत्तसगढ़ मे…
*विश्व का कल्याण करो* विश्व का कल्याण करो, जन-जन का माँ त्राण हरो। कोरोना दानव के वध हित, कर खड़ग धनु बाण धरो।।…
कौशिल्या के ये भुइयां म जनम पाके तय बड़का पायेस आसन। गरीबी के भोम्भरा ननपन म जरेस जब खाय बर नई रहय घर म राशन।। गरीबी ले लड़ेस अउ महिला मन बर काम करेस तेखर पाछु दिस तोला पद्मश्री शासन। केबीसी म जाके छत्…
नव दिन के नवरात म दाई दरस ल तोर पायेंव वो। रेंगत तोर देवाला दाई डोंगरगढ़ जब आयेंव वो।। डोंगरी पहाड़ी म बइठे दाई ऊंचा आसन पाये वो। मन के मनवती लेके दाई सब तोरे सरन म आये वो।। बिन मांगे सब पाये दाई महिमा…
**कविता** बुलंदी पर है अभी बादल, के सावन का महीना है। कही घनघोर, सराबोर, कही मूसलाधार बरसना है।। लुका छिपी खेले दिनकर, रैना चाँद न दिखता है। तमस ही है तमस निशा, पसारे हाथ न दिखता है।। वसुधा भ…
**मानव जात बड़ी दुखदायी ** सरहदे इंसान की खिंची लकीरे है, उस पार तू, इस पार मै। भूमी तो एक थी दुनिया की, मै भारत ,तू पाकिस्तान है।। .............................. ...... एक चिड़िया भुलकर , पाकिस्…
कईसे लाज नइ लागे, रे बादर ! गिरत हाबस सीटिर-साटर कहूँ गिरथस बूँदा-बाँदी कहूँ गिरथस पातर-पातर सावन बईरी सुक्खा भगागे भादो म कर दे छिपिर-छापर मुनादी करथस गड़गड़-गड़गड़, जईसे लबरा नेता जबान दगा मारथस त…
जन-जन तोरे... जस ला गावैं... अवो... कौसल्या महतारी...। त्रेता युग के... कोसल राज मा... लिए... तैंहा... अवतारी...। रघुवंशीय... कुल कन्या... भानुमंत के... भानुमति कहाए...। महाप्रतापी अयोध…
वक्त का तकाजा जिंदगी की तमन्ना , यूं ही टूटते जाती है। आस लिए मन की , तन्हाइयों में। अपने को अकेले न समझ। तलाशिए सदा , मन को ऊंचाइयों में। अपने ऊपर , जो कुछ गुजरता है। वह वक…
बहन बेटियोका मन बहुत खुश हो जाता है जब भाई भावज का पीहर से संदेशा आता है। उन्हें उपहार रूपया और पैसा कुछ नहीं भाता है भाई दो शब्द बोल दे तो दिल भर भर आता है। बाबुल का घर सदा उनके लिए जेहन में ही रहत…
भाई बहिनी के मया अगम हे, जेकर नइ हे कोनो ओर छोर। राखी के एक ताग सुंत लागय, जइसे भाई बहिनी के मया डोर।। अपन मुंहूँ के कंउरा ल बंचाके, छोटे भाई बहिनी के मुंहूँ म डारे। महतारी असन हियाव करइया, कनिहा म प…
*वो घर सदा ज्यातिर्मय रखना* त्याग-बलिदान हो, के दान-अवदान हो करना दीपदान हो, के दान निज प्राण हो जब करता हो कोई, मातृभूमि को अर्पण तो कहना जरूर इतना, वंदे वंदेमातरम् ! ये शस्य श्य…
कॉपीराइट © 2020 लोक कला दर्पण सर्वाधिकार सुरक्षित.
हमसे जुड़े और फॉलो करें